नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के इन रूपों की होती है पूजा

Things you must have in the Diwali Shopping List
October 8, 2020
Handmade Gift For Your Near and Dear one on This Festival Season
October 14, 2020

नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के इन रूपों की होती है पूजा

नवरात्रि के दौरान पूरे 9 दिनों में मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ रूपों की पूजा होगी. नवरात्रि के पहले दिन शैल पुत्री  (Shailputri) की पूजा की जाती है. इसी के साथ नवरात्रि के पहले दिन से ही माता के भक्त घरों में कलश स्थापित करते हैं.  चैत्र नवरात्र (मई या अप्रैल के दौरान) से हिन्‍दू वर्ष की शुरुआत होती है वहीं शारदीय नवरात्र (श्राद्ध और दिवाली से पहले आने वाले नवरात्रि) अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है. इसीलिए शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) के आखिरी दिन के बाद 10वें विजयदशमी मनाई जाती है.

1. शैलपुत्री (Shailputri)

मां दुर्गा का पहला रूप है शैलपुत्री (Shailputri).शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की बेटी हैं. इन्हें करुणा और ममता की देवी माना जाता है. मान्‍यता है कि जो भी भक्‍त श्रद्धा भाव से मां की पूजा करता है उसे सुख और सिद्धि की प्राप्‍ति होती है.

पहले दिन घी

नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है। शंकरजी की पत्नी एवं नव दुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री दुर्गा का महत्व और शक्तियां अनंत है। इस दिन मां को घी का भोग लगाने से भक्त निरोगी रहते हैं और उनके सारे दुःख ख़त्म होते हैं।

2. ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini)

मां दुर्गा का दूसरा रूप है ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini). मान्यता है कि इनकी पूजा करने से यश, सिद्धि और सर्वत्र विजय की प्राप्ति होती है. इन्होंने भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी. इसलिए इन्हें तपश्चारिणी के नाम से भी जाना जाता है.

मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर पसंद है

नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी रूप की आराधना का विधान है। लम्बी उम्र की कामना के लिए मां को शक़्कर, सफेद मिठाई एवं मिश्री का भोग लगाया जा सकता है।

 

 

3. चंद्रघंटा  (Chandraghanta)

मां दुर्गा का तीसरा रूप है चंद्रघंटा  (Chandraghanta). मान्यता है कि शेर पर सवार मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों के कष्ट हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं. इन्हें पूजने से मन को शक्ति और वीरता मिलती है.

मां चंद्रघंटा के लिए दूध

नवरात्रि के तीसरे दिन यानि तृतीया को दुर्गाजी के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है। मां के इस रूप को दूध, मेवायुक्त खीर या फिर दूध से बनी मिठाईयों का भोग लगाकर मां की कृपा पा सकते हैं। भक्तों को समस्त दुखों से मुक्ति मिलती हैं।

 

 

4. कूष्माण्डा (kushmanda)

मां दुर्गा का चौथा रूप है कूष्माण्डा (kushmanda). मान्यता है कि मां कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं. इनकी पूजा से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है.

मालपुआ से खुश होंगी मां कुष्मांडा

नवरात्रि के चौथे दिन मां के कुष्मांडा रूप की पूजा होती हैं। देवी के इस रूप की कृपा से निर्णंय लेने की क्षमता में वृद्धि एवं मानसिक शक्ति अच्छी रहती हैं। इस तिथि को मालपुआ का भोग लगाना अच्छा होता हैं। भोग लगाने के बाद उसे बच्चों में वितरित करने से पुण्य फलों में वृद्धि होती हैं।

5. स्कंदमाता (Skandmata)

मां दुर्गा का पांचवा रूप है स्कंदमाता (Skandmata). मान्यता है कि यह भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं. इन्हें मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता के रूप में भी पूजा जाता है.

पंचमी को केला

नवरात्रि के पांचवें दिन यानि पंचमी को देवी के स्कंदमाता के रूप की आराधना की जाती है। शारीरिक कष्टों के निवारण के लिए माता का भोग केले का लगाएं।

 

 

6. कात्यायनी (katyayani)

मां दुर्गा का छठा रूप है कात्यायनी (katyayani). इन्हें गौरी, उमा, हेमावती और इस्वरी नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि यह महर्षि कात्यायन को पुत्री के रूप में मिलीं इसीलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा. माना यह भी जाता है कि जिन लड़कियों की शादी में देरी हो रही होती है, वह मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए कात्यायिनी माता की ही पूजा करती हैं.

मां कात्यानी को शहद भाता हैं

छठे दिन देवी के कात्यानी रूप की पूजा-अर्चना की जाती हैं। इस दिन देवी को प्रसन्न करने के लिए शहद और मीठे पान का भोग लगाया जाता हैं।

 

 

7. कालरात्रि (kalratri)

मां दुर्गा का सातवां रूप है कालरात्रि (kalratri). मान्यता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से काल और असुरों का नाश होता है. इसी वजह से मां के इस रूप को कालरात्रि कहा जाता है. यह माता हमेशा शुभ फल ही देती हैं इसीलिए इन्हें शुभंकारी भी कहा जाता है.

मां कालरात्रि की कृपा के लिए गुड़

नवरात्रि के सातवें दिन देवी के जिस रूप की पूजा की जाती हैं वह हैं मां कालरात्रि। नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए आप गुड़ का भोग लगा सकते हैं। इसके आलावा नींबू काटकर भी मां को अर्पित कर सकते हैं।

 

 

8. महागौरी (Mahagauri)

मां दुर्गा का आठवां रूप है महागौरी. यह भगवान शिवजी की अर्धांगिनी या पत्नी हैं. इस दिन मां को चुनरी भेट करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. साथ ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

महागौरी के लिए नारियल

देवी महागौरी को हम आठवें रूप में पूजते हैं। ये अन्न-धन को देने वाली हैं। मां के इस रूप को नारियल का भोग लगाया जाता हैं। इस भोग से संतान सुख की प्राप्ति होती हैं।

 

 

9. सिद्धिदात्री (Siddhidatri)

नवरात्रि क दौरान मां दुर्गा का नौवां रूप होता है सिद्धिदात्री (Siddhidatri).मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से रूके हुए हर काम पूरे होते हैं और हर काम में सिद्धि मिलती है.

नौवें दिन का भोग अनार

नवरात्रि के आखिरी दिन समस्त सुखों और सिद्धियों को प्रदान करने वाली माता सिद्धिदात्री को पूजते हैं। कोई भी अनहोनी से बचने के लिए इस दिन मां के भोग में अनार को शामिल किया जाता हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *